Soybean सोयाबीन के भाव में फिर लौटी तेजी: जानिए आज के प्रमुख मंडी भाव
Soybean आज के ताजा सोयाबीन मंडी भाव और प्रमुख मंडियों में दामों में तेजी की जानकारी प्राप्त करें। जानें सोयाबीन की आवक और बाजार में कीमतों पर इसका असर।
सोयाबीन के भाव में आई तेजी: किसानों और व्यापारियों के लिए बड़ी खबर
सोयाबीन के भाव में हाल ही में फिर से तेजी देखने को मिली है। विभिन्न मंडियों में सोयाबीन के दामों में 25 से 50 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। भारत के प्रमुख कृषि मंडियों में यह उतार-चढ़ाव किसानों और व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसका सीधा असर उनके मुनाफे और देश की कृषि अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। आइए जानें, आज के ताजा सोयाबीन के भाव और विभिन्न मंडियों में सोयाबीन की आवक की स्थिति क्या है।
प्रमुख मंडियों के सोयाबीन के ताजा भाव
मंडी का नाम | भाव (₹ प्रति क्विंटल) | तेजी/मंदी (₹) | आवक (बोरियों में) |
---|---|---|---|
इंदौर | 4650/4750 | +50 | – |
हरदा | 4400/4500 | +25 | 700 |
उज्जैन | 4500/4600 | +25 | 2000 |
लातूर | 4400/4500 | -50 | 25000 |
अकोला | 4200/4515 | +35 | 2500 |
अमरावती | 4200/4425 | – | 2500 |
उदगीर | 4450/4470 | – | 3000 |
हिंगणघाट | 3800/4620 | +30 | 900 |
नांदेड़ | 4000/4300 | – | 150 |
सोयाबीन के भाव में इस तेजी के कारण किसानों के बीच आशा की लहर दौड़ी है, खासकर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की मंडियों में, जहां आवक और भाव में बदलाव देखा जा रहा है।
आवक की स्थिति: प्रमुख राज्यों की आवक रिपोर्ट
भारत में सोयाबीन की कुल आवक भी इन दिनों चर्चा का विषय है। आज के दिन प्रमुख राज्यों में सोयाबीन की आवक निम्न प्रकार है:
- मध्य प्रदेश: 50,000 बोरी
- महाराष्ट्र: 70,000 बोरी
- राजस्थान: 10,000 बोरी
- अन्य राज्य: 5,000 बोरी
कुल मिलाकर, देशभर में सोयाबीन की आवक 1,35,000 बोरियों की रही। यह संख्या न केवल मंडियों में दामों को प्रभावित करती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि आने वाले दिनों में भी दामों में तेजी देखी जा सकती है।
क्यों बढ़ रहे हैं सोयाबीन के दाम?
हाल के हफ्तों में, सोयाबीन की कीमतों में बढ़ोतरी के कई कारण हो सकते हैं:
- मांग और आपूर्ति: अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन की मांग में वृद्धि हुई है, जबकि आपूर्ति में कमी आई है।
- मौसम की अनिश्चितता: कई क्षेत्रों में खराब मौसम और भारी बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है, जिसके कारण आपूर्ति में कमी हुई है।